पूछते
हैं
सभी
देवता
मेरे
आप
कौन
हो
आप
बदलाव,
नवजीवन
या
मेरी
आस
हो
ऋतु
की ताजगी
या
जगमगाती रोशनी,
झोंका
पवन
का
या
फिर
वेग आँधी
चली
एक
अद्भुत
नक्षत्र
या
चंद्रमा
स्वर्ग
का
नहीं
नहीं
गुरू
नहीं
यह
सिर्फ
गुरु
नहीं
आप
कोई
जादू
हो या
कोई
जादूगर
मेरे
मनोहर
राजदार या
मेरे
अप्रितम
कोई
चिर्त्रकार
या
कोई
कहानीकार
कोई
शायर,
कोई
निर्माता
या
कोई
और
"मैं"
नहीं,
"मैं"
नहीं,
इसमें
कोई
"मैं"
नहीं
नहीं
नहीं
गुरू
नहीं
यह
तो
कुछ
अलग
हैं
मुस्कुराओ
प्रभु,
कुछ
तो
बोलो
प्रभु
हँस
सको
तो
हँसो
हे
गुरुवर,
मेरे
देवता
पूछते हैं सभी देवता आप मेरे कौन हो
क्यों
मेरे
आराध्य, आप मेरे
देव
हो
पूछिए
गुरुवर
ये
सब
पूछे
हैं
"क्यों"
यह
शब्द
यहाँ
प्रतिबंधित
भी है
कृप्या
पूछें
यह
सब
क्यों
हैं
पीछे
खड़े
तुमरे
पुण्य दरबार
में हाथ
जोड़े
हुए
तुम
शोभायमान,
तुम्ही
कान्तिमान
मेरे
देव,
मेरे
विधाता
हो
तुम
मुस्कुराए
प्रभु,
कुछ
न
बोले प्रभु
कैसे
जानेंगे
तुम्हें
इस
सरल
रूप
में
ना
जाने
ये
कैसे
बूझ
पायें
तुम्हें
भक्त
हैं
तुमरे
तुमको
बताएँगे
हम
गुरुवर
हँसे
और
पुनः
चल
दिए