गुरूजी की आरती
तुम हो मेरे प्रभु, संसार, प्राण और राम
मुझे यह वर दे दो भगवान्
आऊँ गुरूजी तुमरे धाम
और आती ही जाऊँ
हर क्षण, हर इक श्वास
तुम्हें पाती जाऊँ
भक्ति तुमरे बिन ऐसा न इक पल पाऊँ
गुरूजी तुमरी स्तुति से ही मैं फल पाऊँ
नाम आपका गुरुवर सच्चा मैं नित नित पाऊँ
तुमरे मनन की शक्ति ही में मैं बल पाऊँ
कष्ट, क्लेश और दुःख से न मिलने पाऊँ
रक्षा कवच तुमरा मैं हर इक पल पाऊँ
तुमरी जीवनी के पन्ने मैं लिख जाऊँ
तुमरी जीवनी के पन्ने मैं लिख जाऊँ
अमर करो वोह दिन जब मिलने आऊँ
मन तन में तुम बसिया मोरे बस जाओ
जान, जान और जान से बलिहारी जाऊँ
मस्त घड़ी हरेक तुम ही को मैं पाऊँ
मस्त घड़ी हरेक तुम ही को मैं पाऊँ
जनम तुम्हारा हो ऐसा जीवन पाऊँ
हर क्षण तुमरी बाट मैं देखे जाऊँ
देर नहीं है ठीक, कहीं ना मैं मर जाऊँ
तुम आओ, तुम आओ भटक ना मैं जाऊं
तुमको देख प्रयत्क्ष आरती मैं गाऊँ
तुमरा ह्रदय विशाल विचरती मैं जाऊँ
तुमरी कृपा अनंत मार्ग रोशन पाऊँ
अपने घर में ऐसा मोती ले जाऊँ
निर्मल, सुन्दर रूप आरती नित गाऊँ
तुम हो मेरे प्रभु, सखी, प्राण और राम
मुझे यह वर दे दो भगवान्
आऊँ गुरूजी तुमरे धाम
और आती जाऊँ
हर क्षण, हरेक श्वास
तुम्हें पाती जाऊँ
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