गुरूजी की वंदना


मेरे गुरूजी बड़े कमाल प्यार  से  बुलाते  हैं  
होते  हैं  जब  कृपाल  झोली  भर  जाते   हैं   
हम  होते  बड़े हैं दूर,  पास  वोह  बुलाते हैं 
होते  हैं  मजबूर,  कल्याण  कर  जाते  हैं

मेरे गुरूजी बड़े कमालमेरे सुखदाते हैं 
डूबती नईयया  को  भी  पार  लगाते  हैं
हमारे कर्मों  को वोह भस्म कर जाते हैं  
अधूरे  छूटे   काज  सभी    करवाते  हैं

मेरे गुरूजी बड़े कमालदिशा दिखाते हैं
होते हैं  जो   दयाल    कष्ट  हर  जाते हैं
जो नाम बिना आते हैंनाम ले  जाते हैं 
अपने  भक्तों  की  वोह  लाज  बचाते हैं 

मेरे गुरूजी  बड़े  कमाल आस  बँधवाते  हैं 
आप ही अपने प्रेम के काबिल हमें बनाते हैं 
नम  होती हैं आँखें जब, आँसू ले जाते हैं
धीर-धीर रे  प्राणी धीर रख, हमें बताते  हैं 


महिमा तुमरी गुरूजी   हम सब गाते  हैं
वायु, पवन और अग्नि भी शीश नवाते हैं
शोभा तुमरी  गुरुवर मेरे की है इतनी ऊंची   
शिव-गणेश भी तुम पर वारे - वारे जाते हैं 
हो हमरे भगवन तुम, हम वंदना  गाते हैं
जोड़ के हाथ तुम्हें हम सब शीश झुकाते हैं 

जय गुरूजी 

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