Thursday, 9 August 2012

मैं नहीं, मैं नहीं बस अभी आप हो

मैं नहीं, मैं नहीं बस अभी आप हो
मेरे दिल के इक नायाब एहसास हो
मेरे लिए आप गुरुवर अत्यंत खास हो
प्रेम, भक्ति और आराधना के एहसास हो
मेरे जीवन के माणिक तथा आस हो
मैं नहीं, मैं नहीं बस अभी आप हो


मेरे जीवंत दिल के आश्रय खास हो 
बलशाली हो, प्रतिभा के धनी आप हो 
बड़े सुन्दर से स्वामी मेरे पलाश हो 
मेरे दीवाने से बचपन की ताजगी आप हो 
महकने की अब है तमन्ना बची 
मेरे सबसे हसीं  ताजमहल आप हो 

चंचला, चंचला, चंचला, चंचला 
मयूरी सा धड़के है दिल ये मेरा 
छुपते न छुपाये मुझमें ये तेरी कृपा 
है तेरा, है तेरा, है तेरा, ये मन मेरा 
है तेरा, है तेरा, है तेरा, ये तन मेरा
भोर से प्रात तक है अब स्मरण तेरा 




जय गुरूजी

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